भोलाराम ने पूछा- आप शिक्षक हैं और छात्रों का मूल्यांकन करते रहे हैं. मैं चाहता हूँ कि कुछ नेताओं का मूल्यांकन करें.
मटुकः- भोलाराम, छात्रों को मैं पढ़ाता रहा हूँ. निकट से उनका विकास या ह्रास देखता रहा हूँ. उनके बहुत सारे क्रियाकलाप मेरी नजरों के सामने रहे हैं, इसलिए स्वाभाविक है कि उनका ठीक-ठीक मूल्यांकन मुझसे हो जाय. लेकिन जिन नेताओं को मैंने निकट से नहीं देखा, कभी उनके करीब नहीं रहा, उनकी एक-एक गतिविधि पर सतत नजर नहीं रखी और न कोई नेता ऐसा है, जिसका समग्र साहित्य मैंने पढ ा हो, फिर कैसे उनका मूल्यांकन करूँ ?
भोलारामः- अभी तो आपने बेबाकी से अपना ही मूल्यांकन प्रस्तुत कर दिया. जो अपना मूल्यांकन ठीक-ठीक कर सकता है, वही दूसरों का भी कर सकता है, इसीलिए पूछ रहा हूँ. दूसरी बात यह है कि आप ही कहा करते हैं -मेढक कमल की जड ों के पास रहता है, लेकिन सुगंध से अवगत नहीं है, भौंरा बहुत दूर रहता है, लेकिन उसी के पास उसकी पहचान है. इसलिए दूरी और पास की बात नहीं है, पकड की बात है, पहचान की बात है और मैं समझता हूँ कि यह क्षमता आपमें हैं.
मटुकः- यह तो सही है भोला कि मूल्यांकन की एक विशिष्ट क्षमता होती है जो सबके पास नहीं होती. पहचान मूलभूत गुण है मूल्यांकन का लेकिन, पूर्ण जानकारी के बगैर वह अधूरा है.
भोलारामः- मोटा-मोटी जितनी जानकारियाँ हैं उन्हीं के आधार पर कीजिए न.
मटुकः- तो पहले बटखरा समझ लो. जिस बटखरे से किसी को तौला जाता है उसकी पक्की समझ पक्के मूल्यांकन के लिए आवश्यक है. किसी भी आदमी को तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है. तीन की संखया लगता है अस्तित्व की मूलभूत इकाई है. तीन लोक हैं- धरती, आकाश और पाताल. तीन देव हैं-ब्रह््मा, विष्णु और महेश. तीन काल हैं-भूत, वर्तमान और भविष्यत्. परमाणु के तीन खंड हैं- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॅान. तीन नाडि याँ हैं-इड ा, पिंगला और सुषुम्ना. तीन गुण हैं- सत्, रज और तम इस तरह जितनी भी खोज करते जाओ, अस्तित्व में तीन रूप तुम्हें मिलते जाएँगे. इसलिए कोई भी मनुष्य हो, उनके तीन प्रकार होंगे- उत्तम, मध्यम और अधम. इन्हें संक्षेप में चाहो तो ए, बी और सी कह लो. और सूक्ष्मता में जाने के लिए प्रत्येक और सूक्ष्मता में जाने के लिए प्रत्येक के तीन-तीन टुकड़े कर सकते हो- ए-१, ए-२, ए-३, बी-१, बी-२, बी-३, और सी-१, सी-२, सी-३. इस तरह मनुष्य के नौ प्रकार हुए. नेताओं का मूल्यांकन भी इन्हीं तीन श्रेणियों में रखकर किया जा सकता है. इन श्रेणियों को हम ग्रेड कहेंगे.
भोलारामः- बिल्कुल निर्दोष और वैज्ञानिक बटखरा तैयार हो गया है. अब सबसे पहले बतायें कि महात्मा गाँधी को आप कौन-सा ग्रेड देंगे ? अन्य नेताओं को कौन-सा ग्रेड देंगे और क्यों ?
मटुकः- भोलाराम, मुझे विकट स्थिति में डाल दिया तुमने. अपने से ऊपर के आदमी का मूल्यांकन नीचे का आदमी नहीं कर सकता है. लेकिन लोक में यह सब चलता रहता है. उसी चलन का सहारा लेकर मैं चलनी चला रहा हूँ. निःसंदेह महात्मा गाँधी ए-१ ग्रेड के नेता हैं. उनका कोई जोड नहीं है. आजादी की लड ाई के सौ वर्षों में सैकड ों महान् नेेता हुए, उनमें महात्मा महानतम हैं. यही ग्रेड मैं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और भीमराव अम्बेदकर को भी दूँगा. कारण बताने पर फिर आगे नहीं बढ पाऊँगा और इनके भी पूरे कारण नहीं बता पाऊँगा. सिर्फ इतना ही कहूँगा कि कुछ परिस्थितियाँ ऐसी भी आयी थीं, जहाँ इन दोनों नेताओं ने अपने को महात्मा गाँधी से भी श्रेष्ठ साबित किया था.
भोलारामः-शहीद भगतसिंह को सुभाष वाला ग्रेड नहीं देंगे ?
मटुकः- बिल्कुल नहीं, क्योंकि उनमें संगठन-कौशल नहीं था. वे क्रांतिकारियों की फौज नहीं बना पाये. नेहरू, पटेल, जयप्रकाश, लोहिया आदि को मैं ए-२ ग्रेड दूँगा.
भोलारामः-इंदिरा गाँधी, अटल बिहारी बाजपेयी आदि को ?
मटुकः-ये दोनों ए ग्रेड के नेता हैं. लेकिन कुछ काम इन्होंने ऐसे किये जिनके कारण इन्हें बी ग्रेड में भेजने का मन करता है. लेकिन बी ग्रेड में इन्हें बी-१ निश्चय ही मिलेगा. परन्तु मैं ग्रेड देने में उदार हूँ. इसलिए इन दोनों नेताओं को ए-३ दूँगा.
भोलारामः- इंदिराजी में तानाशाही के गुण थे, लेकिन वाजपेयी में क्या कमी थी ?
मटुकः-वाजपेयीजी दो जगह पिछड गये हैं. एक तो नरेन्द्र मोदी के मामले में उन्होंने गलत से समझौता कर लिया. दूसरे सोनिया गाँधी को सत्ता से दूर रखने के लिए उन्हें विदेशी महिला कहकर अपने ओछेपन का परिचय दिया. तुम्हें आश्चर्य न हो अगर मैं कहूँ कि सोनिया गाँधी ने अपने को ए-३ ग्रेड के लायक नेता सिद्ध कर दिया है.
भोलारामः- और मायावती ?
मटुकः- दलितों के कुछ प्रत्यक्ष दुश्मन रहे और कुछ अप्रत्यक्ष. कुछ लोगों ने दलितों को दुश्मन बनकर सताया और कुछ लोगों ने दोस्त बनकर. जिन्होंने दोेस्त बनकर दलितों को दूहा-उनमें मायावती अग्रगण्य हैं. ये अधम कोटि में भी अधम यानी अधमाधम नेत्री हैं. जन्म-जन्मांतर की सँजोयी अपनी महत्वाकांक्षा को वे इसी जन्म में पूरा कर लेना चाहती हैं. इनको सी-३ ग्रेड मिलेगा, भोला.
भोलाः-नीतीश, लालू और रामविलास के बारे में क्या खयाल हैं ?
मटुकः-ये तीनों तो सी-ग्रेड के नेता हैं. लेकिन नीतीश इनमें श्रेष्ठ हैं. इसलिए इन्हें बी-३ ग्रेड दिया जा सकता है. लालूजी सी-१ और रामविलासजी को सी-२ ग्रेड मिलेगा. अलग-अलग विश्लेषण करने का अभी समय नहीं है. बाद में कभी शेष नेताओं का ग्रेड पूछ लेना. कारण विस्तार से जानना चाहोगे तो अधिक समय लेकर आना होगा. आज इतना ही रहने दो
१२.०९.०९
आपको हिन्दी में लिखता देख गर्वित हूँ.
जवाब देंहटाएंभाषा की सेवा एवं उसके प्रसार के लिये आपके योगदान हेतु आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ.