दोस्तो , हमारी किताब ‘मटुक-जूली की डायरी’ वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से दो खंडों में प्रकाशित हुई. पटने के पुस्तक मेले में 11 दिसम्बर को इसका लोकार्पण मशहूर शायर निदा फाजली ने किया.
महेन्द्र मिश्रजी, आभार. जबलपुर में जो दुकानदार हिन्दी साहित्य की किताबें रखते होंगे, उनके पास यह किताब मिल जायेगी. कहने पर वे मँगा भी देंगे. वाणी प्रकाशन हिन्दी के बड़े प्रकाशकों में से एक है, इसलिए उससे छपी किताब आसानी से मिल जायेगी. धन्यवाद
ये टिप्पणी आपके पोस्ट से इतर है । मुझे रामेश्वर सिंह कश्यप लिखित लोहा सिंह किताब की तलाश है ,मैं मुम्बई में रहता हूं और पटना के कई प्रकाशकों ( नेट पर उपलब्ध ) को फोन कर चुका हूं , पर निराशा ही हाथ लगी । क्या आप मुझे सम्बंधित प्रकाशक/ दुकान का पता या फोन नंबर बता सकते हैं (मेरे ब्लाग पर टिप्पणी के द्वारा )
to obtain books from vani prakashan: contact: vani prakashan 21-A,dariyagang new delhi - 110002 email: vani_prakasan@yahoo.com web page : http://www.vaniprakashan.com
दिसम्बर माह की वाणी-समाचार पत्रिका में इसकी रिपोर्ट और पुस्तक अंश आज पढ़े । जूली का भी और मटूक जी आप का भी । पुस्तक भी मिलने पर पढ़ूँगा । जूली लिव-इन रिलेशनशिप पर बात कर रही थी और आप गुरु शिष्य-परम्परा पर ।
Congrats !
जवाब देंहटाएंbahut-bahut shubhkamnayeN. Ummid hai bahut kuchh naya jaan-ne ko milega.
जवाब देंहटाएंchaliye isi bahane aapki love story ka bajarikaran to ho gaya na.
जवाब देंहटाएंकभी मौका लगा तो पढ़ेंगे एक नई सोच को. जाने कब भारत आना हो...
जवाब देंहटाएंनीरवजी
जवाब देंहटाएंबिना पढ़े ही जान लिया कि लव स्टोरी है ! किताब लिखना बाजारीकरण है, ये आपसे ही मालूम हुआ ! तब तो यह ब्लाॅग भी बाजार में ही है और आपका ब्लाॅग भी
अरविन्द मिश्राजी को बहुत आभार
जवाब देंहटाएंप्यारे मित्र ग्रोवर जी
जवाब देंहटाएंपूर्ण विश्वास था कि आपकी शुभकामनायें आएँगी. हार्दिक आभार
आदरणीय समीरजी
जवाब देंहटाएंवाणी प्रकाशन की किताबें विदेशों में भी मिलती हैं. आपके देश में है या नहीं, हमें पता करना होगा. आभार
किताब के माध्यम से आपके विचार जानने का मौका मिलेगा
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर .....ये किताब क्या जबलपुर में मिलती है ? मटुक कली जी .
जवाब देंहटाएंAAP DONO KO HARDIK BADHAI ...............
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र मिश्रजी, आभार. जबलपुर में जो दुकानदार हिन्दी साहित्य की किताबें रखते होंगे, उनके पास यह किताब मिल जायेगी. कहने पर वे मँगा भी देंगे. वाणी प्रकाशन हिन्दी के बड़े प्रकाशकों में से एक है, इसलिए उससे छपी किताब आसानी से मिल जायेगी. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआप दोनो को बधाई और शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंये टिप्पणी आपके पोस्ट से इतर है । मुझे रामेश्वर सिंह कश्यप लिखित लोहा सिंह किताब की तलाश है ,मैं मुम्बई में रहता हूं और पटना के कई प्रकाशकों ( नेट पर उपलब्ध ) को फोन कर चुका हूं , पर निराशा ही हाथ लगी । क्या आप मुझे सम्बंधित प्रकाशक/ दुकान का पता या फोन नंबर बता सकते हैं (मेरे ब्लाग पर टिप्पणी के द्वारा )
जवाब देंहटाएंto obtain books from vani prakashan:
जवाब देंहटाएंcontact:
vani prakashan
21-A,dariyagang
new delhi - 110002
email: vani_prakasan@yahoo.com
web page : http://www.vaniprakashan.com
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ph : 23273167,23275710
दिसम्बर माह की वाणी-समाचार पत्रिका में इसकी रिपोर्ट और पुस्तक अंश आज पढ़े । जूली का भी और मटूक जी आप का भी । पुस्तक भी मिलने पर पढ़ूँगा । जूली लिव-इन रिलेशनशिप पर बात कर रही थी और आप गुरु शिष्य-परम्परा पर ।
जवाब देंहटाएंपुस्तक के लिए हार्दिक शुभ-कामनाएँ ।
भूल सुधार : वाणी-समाचार पत्रिका दिसम्बर माह की नहीं, जनवरी माह की थी ।
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